वो डरावनी रात 👽
मै पैदा हुआ और मेरे घर वालों ने मेरा नाम निर्भय रखा. नाम का असर हुआ, तो मैंने कुत्तो को छोड़ कर हर चीज़ से डरना बंद कर दिया दिया, मुझे बचपन मे दूध भी भूत चुड़ैल का डर दिखा के नहीं, कुत्ते काट लेंगे ऐसा बोल के पिलाया जाता था,! एक बार की बात है मै मेरे गाव से थोड़ी दूर प्रवचन हो रहा था तब मैं 9 साल का ही था माँ पापा के साथ वहा गया हुआ था! , वो लोग पंडित जी से मिलने गए मैन उन्हे खोजने लगा मुझे लगा वो लोग घर चले गए, मैन उठा और घर के लिए चल दिया बीच में कुछ 2 बड़े बगीचे एक तालाब जहा गाव के लोग 8 बजे के बाद अकेले जाना बंद कर देते थे, पार करते हुए चले आया, लोगो को पता लगा और सब 😲, हैरान! , बाद मे विग्यान में रुचि के कारण मेरा, विश्वास और अड़ीग होता गया! बात उन दिनो की है जब मै छुट्टियों मे घर आया हुआ था! , आम दिनो की तरह ही मै थोड़ा पढ़ के सो गया,नींद मे मुझे ऐसा लगा कि मेरे पैरो के पास कोई बैठा है, कोई बूढ़ी सी औरत जिसके बाल बिल्कुल सफेद थे हाथो में एक डंडा था, चश्मा पहने हुई, मेरी नींद अचानक से खुली मैंने अपने पैरो की तरफ देखा वो बूढ़ी औरत अभी भी वही बैठी हुई थी, मुझे अभी भी बिल्कुल याद है कि वो अंधेरे मे भी बिल्कुल साफ साफ दिखायी दे रही थी, मैं जो जिन्दगी मे कभी नहीं डरा, मेरी हालत खराब थी मेरे हाथ काँप रहे थे मुझे समझ नहीं आ रहा था, मैं उठा बत्ती जलायी, रात के करीब 3 बज रहे थे मैं जल्दी से बगल वाले कमरे मे जहा मेरी बहन सोयी थी उसको उठाया लेकिन उसके डरपोक होने का मैं इतना मजाक उड़ाता था उस से कैसे कह पाता कि मैं डर गया हू,! मैं सो गया, सुबह होते ही मेरी बहन ने सबको बता दिया, सब पूछने लगे कि ऐसा क्या देखा था बताओ, सबके बड़ा पूछने पर मैंने बताया कि वो मैंने सपने मे देखा कि बूढ़ी औरत जिसके बाल सफेद थे, मेरे पापा ने मुझे बीच मे रोकते हुआ पूछा कि क्या उसने चश्में पहने हुए थे, मैं एकदम हैरान रह गया और बताया कि हां बिल्कुल, घर में भयंकर सन्नाटा फैल गया तुरंत पंडित जी बुलाए गए, मेरे पूछने के बाद मेरी माँ ने बताया कि वो मेरे बड़े दादा की पत्नी मेरी बड़ी दादी थी, जो मेरे पैदा होने से करीब 20 साल पहले वही मरी थी,मेरे मन कुछ सवाल थे कि जिनकी घर मे कोई तस्वीर नहीं जिनके बारे मे कोई जीकर नहीं कभी, उन्हे मैंने सपने मे कैसे देखा, मेरी आँखे खुलने के बाद भी वो कैसे दिखी, मेरी बहन ने मुझसे कहा क्या तुम्हारा विग्यान उत्तर देगा इसका? जैसे भगवान् होते वैसे भूत भी होते हैं, कभी ना चुप बैठने वाला मै आज चुप था!
Nirbhay
Comments
Post a Comment